उत्तर प्रदेश राज्य में समस्त सूचीबद्ध गैर सरकारी संगठन जो एड्स की रोकथाम हेतु कार्यरत महत्वपूर्ण कार्मिक समूह पीयर एजुकेटरों के क्षमता वर्धन हेतु प्रशिक्षण का कार्य संपादित किए

स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा नित्य किया जा रहे प्रयासों में उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी और गैर सरकारी संगठन "साथी" की सहयोगी लोक स्मृति सेवा संस्थान द्वारा टारगेट इंटरवेंशन अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य में समस्त सूचीबद्ध गैर सरकारी संगठन जो एड्स की रोकथाम हेतु कार्यरत महत्वपूर्ण कार्मिक समूह पीयर एजुकेटरों के क्षमता वर्धन हेतु प्रशिक्षण का कार्य संपादित किए जाने की प्रक्रिया में दिनांक 16 मार्च से 18 मार्च तक लखनऊ स्थित होटल कसाया इन में 41 पीयर एजुकेटरों को मास्टर ट्रेनर के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 16 मार्च 2024 को किया गया। क्षमता केंद्र उत्तर प्रदेश के प्रोग्राम मैनेजर आलोक वर्मा ने बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश राज्य में कुल प्रशिक्षित पीयर एजुकेटरों की संख्या 622 है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मिशन 95 95 95 के लक्ष्य को पूर्ण करना है जिसमें प्रथम 95 लक्ष्य यह है कि भारत में जितने भी लोग एड्स संक्रमित हैं उनमें से 95% लोगों को स्वतः उनका स्टेटस पता होना चाहिए, दूसरा 95 का लक्ष्य है कि जितने लोग एचआईवी संक्रमित हैं उनमें से 95% लोगों को ए०आर०टी० अर्थात एंटी रेट्रो वायरस थेरेपी से जोड़ा जाना चाहिए, तीसरा 95 का लक्ष्य यह है कि जितने लोग एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी से जुड़े हैं उनमें से 95% लोगों का वायरल लोड अनडिडकटेबल की स्थिति में लाया जाना है उपरोक्त लक्ष्य की पूर्ति हेतु यह प्रशिक्षण प्रक्रियाएं संचालित की जा रही है। ट्रेनिंग कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश एड्स कन्ट्रोल सोसाइटी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में लक्षित हस्तक्षेप (टीआई) कार्यक्रम एक रणनीतिक पहल है जिसका उद्देश्य कमजोर

आबादी के सामने आने वाली विशिष्ट स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करना है। उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के नाते, विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों जैसे एचआईवी / एड्स, तपेदिक, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बीच उच्च जोखिम वाले व्यवहार का सामना करता है।

सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से तैयार किया गया टीआई कार्यक्रम, संक्रमण के उच्च जोखिम और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच वाले प्रमुख समूहों को लक्षित करता है।

कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, निवारक उपायों को बढ़ावा देना, शीघ्र पता लगाना सुनिश्चित करना और चिकित्सा देखभाल और सहायता सेवाओं तक पहुंच को सुविधाजनक बनाना है। यह एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाता है, जिसमें आउटरीच गतिविधियों, परामर्श, परीक्षण, उपचार और अन्य सहायता सेवाओं के लिए रेफरल का संयोजन होता है।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएएससीपी) चरण-V (2021-2026) के तहत सहकर्मी प्रशिक्षण का उद्देश्य एचआईवी/एड्स की रोकथाम, देखभाल और सहायता सेवाओं को प्रभावी ढंग से वितरित करने के लिए सहकर्मी शिक्षकों की क्षमता को मजबूत और विस्तारित करना है। सहकर्मी प्रशिक्षण समुदाय- आधारित हस्तक्षेपों को बढ़ाने और एचआईवी/एड्स के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील लोगों सहित प्रमुख आबादी को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कार्यक्रम का उद्देश्य सहकर्मी शिक्षकों को साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण, नवीन पद्धतियों और अद्यतन ज्ञान का उपयोग करके प्रशिक्षित करना है। व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करके, एन०ए०सी०पी० (राष्ट्रीय एड्स

नियंत्रण कार्यक्रम) सहकर्मी शिक्षकों को अपने साथियों के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने, व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने, जोखिम में कमी लाने और एचआईवी परीक्षण और उपचार सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना चाहता है।

इसके अतिरिक्त, सहकर्मी प्रशिक्षण पहल एचआईवी/एड्स से जुड़े कलंक और भेदभाव को कम करने, एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी जो व्यक्तियों को परीक्षण, परामर्श और उपचार के पालन के लिए प्रोत्साहित करती है। प्रशिक्षित और सशक्त सहकर्मी शिक्षकों के नेटवर्क को बढ़ावा देकर, एन०ए०सी०पी० का लक्ष्य एचआईवी/एड्स के प्रति सामुदायिक प्रतिक्रिया को मजबूत करना और देश में एचआईवी महामारी को समाप्त करने के समग्र लक्ष्य में योगदान देना है।

लक्षित दृष्टिकोण अपनाकर, कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च जोखिम वाले व्यवहार और संचरण के विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए संसाधन उपयोग और प्रभाव को अनुकूलित करना है। इसके अतिरिक्त, टीआई कार्यक्रम एक समावेशी और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण को शामिल करता है, जिसका लक्ष्य कलंक को कम करना और कमजोर समुदायों को सशक्त बनाना है।.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर के रूप में श्री बीर सिंह व अभिषेक उपाध्याय तथा किस्मत

अली कार्यक्रम संचालन कर्ता के रूप में योगदान रहा।

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