चेस्ट से संम्बधित गंभीर बीमारीयां जैसे सी.ओ.पी.डी, अस्थमा, आईलडी, फेफड़ो का कैंसर, टी०बी० और अन्य जैसे रोग तेजी से फैलते और चुनौतीपूर्ण होते जा रहे है, जिससे इन रोगों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नई विधाओं की आवश्यकता पर चर्चा हुई ताज होटल लखनऊ

 संवाददाता लखनऊ    चेस्ट से संम्बधित गंभीर बीमारीयां जैसे सी.ओ.पी.डी, अस्थमा, आईलडी, फेफड़ो का कैंसर, टी०बी० और अन्य जैसे रोग तेजी से फैलते और चुनौतीपूर्ण होते जा रहे है, जिससे इन रोगों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नई विधाओं की आवश्यकता होती है।

पूरे विश्व में रोग के बढ़ते आकड़ो की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर सभी क्रोनिक फेफड़ों की बीमारी के मामलों में से 15.69% भारत में है और कुल श्वसन रोग से होने वाली मौतों में से 30.25% भारत में है। रिपोर्ट आगे बताती है कि भारत में श्वसन संबंधी मामलों की संख्या संभावित रूप से सी. ओ.पी.डी. और आस्थमा क्रमशः-55.23 मिलियन और 35 मिलियन है, जिसमें सी.ओ.पी.डी. नंबर-2 मौत का कारण है। भारत के कुछ वर्षों में ही रेस्पिरेटरी जनित बीमारीयों में विश्व में नंबर एक पर आने की पूरी संभावना होती दिख रही है।

अन्य कारण जैसे तंबाकू का उपयोग और देश में निरंतर खतरनाक प्रदूषण के स्तर के साथ-साथ बायोमास और अन्य पर्यावरणीय जोखिम के रूप में अन्य प्रदूषक जोखिम ने श्वसन रोगों के बोझ को कम करने की चुनौती को और बढ़ा दिया गया है।

कोविड-19 ने श्वसन रोग के प्रकोप से निपटने के लिए मजबूत बुनियाद ढांचे की सख्त आवश्यकता पर प्रकाश डाला और मजबूत पलमोनरी रिहैबलिटेशन प्रोग्राम के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर आगे की देखभाल और कई बीमारीयों के अंतिम उपचार के रूप में फेफड़ों के प्रत्यारोपण की सुविधा की अवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है।

क्रिटिकल केयर में एंटिबायोटिक रजिस्टेंश के इलाज के लिए एक बड़ी चुनौती है, और वर्ष 2050 तक 10 मिलियन अतिरिक्त मौतों का अनुमान है। हमें इस खतरे के नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति विकसीत करनी होगी।

सूर्या फाउंडेशन लखनऊ के तत्वावधान में मिडलैंड हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर महानगर लखनऊ पिछले 18 वर्ष से सीएमई आयोजित करता रहा है। और अब 17 दिसंबर 2023 को होटल ताज

महल, लखनऊ में 15th रेस्पिरेटरी एंड मेडिकल अपडेट संगोष्ठी क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 के लिए एक नया मंच प्रदान करेगा।

यह 2023 अपडेट भारत के उच्च संसथानों को समायोजित करके यूपी में पहले फेफड़े के प्रत्यारोपण कार्यक्रम क्वाडिनेटर के साथ-साथ सी.आर.आर.टी. ई.सी.सी.एम.ओ. आदि जैसे आधुनिक क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट को सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया है।यह अपडेट चेस्ट रोगों के निदान और प्रबंधन में व्यापक दृष्टिकोण और ज्ञान को प्रदान करने का एक प्रयास होगा।

सी.टी. थोरैक्स, फेफड़े के अल्ट्रासांउड, ई.सी.सी.एम.ओ, ई.बी.यू.एस, फेफड़े के प्रत्यारोपण, आई.एल. डी, सेप्सिस, फंगल संक्रमण, एंटिबायोटिक प्रतिरोध और कई अन्य प्रासंगिक विषयो में नये टूल के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है। प्रख्यात शिक्षाविद और चिकित्सक जैसें एम्स, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, प्रोफेसर विजय हड्डा एम्स नई दिल्ली, डॉ. प्रह्लाद प्रभुदेसाई लीलावती हॉस्पिटल मुंबई से, डॉ. अमिता नेने बॉम्बे हॉस्पिटल मुंबई, डॉ. राजा धर - सीएमआरआई कोलकाता से, डॉ. परीक्षित दीना नाथ मंगेशकर अस्पताल पुणे के प्रयाग और श्वसन एवं क्रिटिकल केयर में कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां प्रतिनिधियों को प्रबुद्ध करेंगी और सर्वोत्तम रोगी देखभाल के लिए नवीनतम ज्ञान प्रदान करेंगी।

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